ये मन तु उदास मत हो |
सुख -दुःख तो आनी हैं ,
कष्ट आएंगे उसे सहना होगा |
फिर से तुम्हे सम्भलना होगा ,
ये मन तु उदास मत हो |
सूरज फिर से उदय होगा ,
कल नया सवेरा लाएगा |
अपनी रौशनी से जग को जगमगाएगा ,
ये मन तु उदास मत हो |
तुम फिर से उस प्यार को पाओगे ,
जो प्यार को तुमने खोया है |
खोया हुआ दिन फिर से वापस आएंगे ,
ये मन तु उदास मत हो |
तुम्हारे इस निराशा पर ,
आशाओ के फूल खिलेंगे |
फिर से तुम्हारी जिंदगी में ,
नयी -नयी खुशिया बहार आएंगे |
ये मन तु उदास मत हो |
.........निवेदिता चतुर्वेदी
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