नवकुसुम

www.hamarivani.com

गुरुवार, 25 जून 2015

मन .......

ये  मन  तु  उदास  मत  हो |

सुख  -दुःख  तो  आनी  हैं ,
कष्ट  आएंगे  उसे सहना होगा |
फिर से  तुम्हे  सम्भलना होगा ,
ये  मन  तु  उदास  मत  हो |

सूरज  फिर  से  उदय  होगा ,
कल  नया  सवेरा  लाएगा |
अपनी  रौशनी से जग को जगमगाएगा ,
ये  मन  तु  उदास  मत  हो |

तुम फिर से उस प्यार को पाओगे ,
जो प्यार को तुमने खोया है |
खोया हुआ दिन फिर से वापस आएंगे ,
ये  मन  तु  उदास  मत  हो |

तुम्हारे  इस  निराशा   पर ,
आशाओ  के फूल  खिलेंगे |
फिर से  तुम्हारी  जिंदगी में ,
नयी -नयी खुशिया बहार आएंगे |
ये  मन  तु  उदास  मत  हो |

.........निवेदिता  चतुर्वेदी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें