नवकुसुम

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शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015

तुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे।


तुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे। हमें छोड़ कर आखिर कहाँ जाओगे। मैं आश लगाये बैठीं हूँ, कब मेरे सपने पुरा करोगे। तुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे। हमें ये भी पता है,तुम पुरा करेंगे। पर कुछ परेशानियां तो दोगे ही। परेशानियां ही सही पर पुरा तो करोगे। तुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे। हमे तुम पर पुरा यकीन भी है। कि तुम मेरा साथ कभी नहीं छोड़ोगे। यदि छोड़ भी दिया तो क्या? बुलाने पर तो आओगे। तुम मेरे हो और मेरे ही रहोगे। ------निवेदिता चतुर्वेदी

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